फौस (FOSS) क्या है ?
FOSS का फुलफॉर्म FREE AND OPEN SOURCE SOFTWARES (फ्री तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर) है ǀ
फ्री तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (FOSS) को लाइसेंस की शर्तों के अधीन निःशुल्क कोई-भी, कहीं-भी, कभी-भी, किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकता है ǀ
FOSS की आवश्यकता?
पालीटेक्निक
छात्रों को अपने सिलेबस/विषयों के अनुरूप विभिन्न तरह के सॉफ्टवेयरों की आवश्यकता
पड़ती है ǀ बाज़ार में उपलब्ध विभिन्न पेड/लाइसेंस
सॉफ्टवेयर की भारी फीस के कारण वित्तीय भार पड़ता है एवं समय पर सॉफ्टवेयर उपलब्ध
ना हो पाने के कारण छात्र सॉफ्टवेयर को सीखने से वंचित रह जाते हैं ǀ फ्री तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर निःशुल्क उपलब्ध होते हैं तथा इनकी बहुउन्मुख्तता, उपयोगिता, आसानी
के कारण विगत कुछ वर्षों में शिक्षा एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में विशेष रूप से FOSS की उपयोगिता में वृद्धि हुयी
है ǀ
भारत सरकार
द्वारा भी FOSS के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है एवं इन सॉफ्टवेयरों को
विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए भी डिजायन किया जा रहा है ǀ इस हेतु नित नए अनुसन्धान ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालयों/IIT’s
इत्यादि द्वारा किये जा रहे हैं ǀ अपनी ब्रान्च
से सम्बन्धित FOSS का ज्ञान कहीं न कहीं रोजगार सृजन में भी सहायक है ǀ अतः FOSS के उपयोग को पालीटेक्निक संस्थाओं में प्रोत्साहित किया
जाना एवं लागू किया जाना वर्तमान समय की आवश्यकता है ǀ
फ्री तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के निम्नलिखित दो
महत्वपूर्ण पद हैं :
फ्री सॉफ्टवेयर (Free Software) : ऐसे सॉफ्टवेयर जो
उपयोगकर्ता को निःशुल्क उपलब्ध होते हैं अर्थात इस तरह के सॉफ्टवेयर को बिना कोई शुल्क अदा
किये
उपयोग में लाया जा सकता है ǀ इस तरह के सॉफ्टवेयर में लाइसेंस क्रय किये जाने की
बाध्यता नहीं होती है ǀ
ओपनसोर्स सॉफ्टवेयर (Open Source
Software) : ऐसे सॉफ्टवेयर जो उपयोगकर्ता को निःशुल्क उपलब्ध
होते हैं तथा इनके साथ सॉफ्टवेयर का सोर्सकोड भी उपलब्ध होता है ǀ सोर्सकोड उपलब्ध होने से कोई भी व्यक्ति सोर्सकोड
में आवश्यक संसोधन करके सॉफ्टवेयर में सुधार कर सकता है ǀ
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